इंसान की यादें अब USB में !

इंसानी यादें को डिजिटल करना 

वैज्ञानिक अब दिमाग की मेमोरी को कंप्यूटर में ट्रांसफर करने की कोशिश कर रहे है। "Neuralink" जैसी टेक कंपनियाँ इस दिशा में काम कर रही है। ब्रेन से डाटा को निकालकर USBमें स्टोर करने के प्रयोग शुरु हो चुकी है। यह टेक्नोलॉजी भविष्य में इंसान की मौत के बाद भी उसकी सोच को जिन्दा रख सकेगी। कल्पना कीजिये - आपकी यादें डिजिटल दुनिया में अमर हो सकती है।

जिंदा रोबोट - Xenobots

मांसपेशियो से बना जिंदा रोबोट

वैज्ञानिको ने मेंढक की कोशिकाओं से "Xenobots" बनाये है। ये नन्हे रोबोट खुद को हील कर सकते है। इनमे दिमाग नहीं है, फिर भी ये चल फिर सकते हैं। ये रोबोट पानी में कचरा साफ़ करने में मदद कर सकते हैं। जैविक मशीने अब हकीकत बन चुकी हैं।

सपना देखने वाली मशीन

आपका सपना रिकॉर्ड करेगी ये मशीन

जापान के वैज्ञानिको ने एक डिवाइस बनाई जो नींद के दौरान दिमागी तरंगे रिकॉर्ड करती है। ये डिवाइस सपना  देखने के समये ब्रेन एक्टिविटी को ट्रैक करती है। AI इन पैटर्न्स को समझकर सपनो को विजुअल बना सकता है। इसका प्रयोग PTSD और डिप्रेशन में इलाज़ के लिए हो रहा है जल्द ही लोग अपने सपनों की  सकेंगे।

हवा से पानी बनाने वाली मशीन

हवा से पानी निकालेगी ये मशीन

"Atmospheric Water Generator " नाम की तकनीक हवा से नमी खींचती है इससे बिना किसी स्त्रोत के के पीने लायक पानी तैयार हो जाता है रेगिस्तान और सूखे इलाको में इसे तैनात किया जा चुका है एक मशीन दिन में 20-30 लीटर पानी निकाल सकती है भविष्य में यह जल संकट का समाधान बन सकती है text

AI जो भविष्य की शक्ल बता दे

70 साल बाद कैसे दिखेंगे - AI बताएगा

एक नयी AI ऐप फोटो को देखकर बूढ़ा या जवान बना देती है यह AI एल्गोरिदम चेहरे के डिटेल्स को भविष्य में ट्रांसलेट करता है कुछ मॉडल आपकी आवाज से भी भविष्य की छवि बना लेता है क्राइम सॉल्विंग और पहचान में भी इसका प्रयोग हो रहा है ये तकनीक मनोरंजन से लेकर सुरक्षा तक क्रांति ला रही है